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Monday, June 13, 2022

अलवर के महाराजा जय सिंह प्रभाकर की जिसने 'रोल्स रॉयस' की लग्ज़री गाड़ियों को कचरा ढोने में लगा दिया था


कहानी अलवर के महाराजा जय सिंह प्रभाकर की जिसने 'रोल्स रॉयस' की लग्ज़री गाड़ियों को कचरा ढोने में लगा दिया 

राजस्थान में अलवर के एक राजा हुए. नाम था -महाराजा जय सिंह प्रभाकर (Alwar King Maharaja Jai Singh Prabhakar). उनके जीवन से जुड़ा एक किस्सा बहुत मशहूर है. कहते हैं लक्ज़री कार बनाने वाली कंपनी Rolls Royce को सबक सिखाने के लिए उन्होंने नई गाड़ियां ख़रीदीं और उन्हें कचरा ढोने में लगा दिया.

जब महाराजा को Rolls Royce के शो रूम से बाहर निकाला

किस्सा 1920 के आसपास का है. जय सिंह लंदन में थे. एक दिन वो राजा की पोशाक छोड़कर आम कपड़ों में लंदन घूमने के लिए निकले थे. इसी दौरान उनकी नज़र 'रोल्स रॉयस' के शोरूम पर पड़ी. शोरूम के अंदर खड़ी एक लक्ज़री गाड़ी ने राजा को आकर्षित किया, तो वो उसे देखने अंदर चले गए. अब चूंकि, वो साधारण कपड़ों में थे इसलिए शो-रूम के कर्मचारी उन्हें पहचान नहीं सके और ग़रीब समझकर बाहर जाने को कहा.

राजा ने इस बात को दिल पर ले लिया और तय किया कि वो 'रोल्स रॉयस' को सबक सिखाएंगे. इसके लिए वो राजा की तरह 'रोल्स रॉयस' शोरूम के अंदर दाखिल हुए. अब चूंकि, शो-रूम कर्मचारियों को पहले ही ख़बर मिल चुकी थी कि अलवर के राजा गाड़ी खरीदने आ रहे हैं, इसलिए उन्होंने राजा जय सिंह की खूब आवभगत की. राजा ने बिना टाइम खराब किए एक साथ 'रोल्स रॉयस' की कई गाड़ियां ख़रीदने का ऑर्डर दे दिया.



कहते हैं उन्होंने सभी गाड़ियों की पेमेंट कैश में की थी. इतना बड़ा ऑर्डर मिलने के बाद शो रूम के सभी कर्मचारी बहुत खु़श थे. लेकिन, उन्हें नहीं पता था कि राजा जय सिंह उनकी गाड़ियों के साथ आगे क्या करने जा रहे थे. आगे जैसे ही गाड़ियों की डिलीवरी भारत में हुई, राजा जय सिंह ने सभी गाड़ियों को नगरपालिका को सौंप दिया. साथ ही आदेश दिया कि आज से इसमें ही कचरा उठाया जाएगा

.रोल्स रॉयस' कंपनी ने पत्र लिखकर राजा जय सिंह से माफ़ी मांगी

राजा के इस कदम के बाद 'रोल्स रॉयस' की गाड़ियां मज़ाक का पात्र बनने लगी. लोग इन्हें ख़रीदने से परहेज़ करने लगे. सबको लगने लगा था कि जिस गाड़ी में भारत अपना कचरा रखता है, उसे कोई कैसे चला सकता है. कहते हैं, अंत में कंपनी ने पत्र लिखकर राजा जय सिंह से अपने कर्मचारी के व्यवहार के लिए माफ़ी मांगी थी. साथ ही अनुरोध किया था कि उनकी गाड़ी से कचरा उठाना बंद कर दिया जाए.

राजा जय सिंह ने भी अपना दिल बड़ा करते हुए कंपनी को माफ़ किया और गाड़ी से कचरा उठाने का काम बंद करवा दिया था. अपने इस कदम से राजा जय सिंह दुनिया को यह संदेश देने में कामयाब रहे कि इंसान की पहचान उसके कपड़ों से करना ठीक नहीं है. इंसान कपड़ों से अमीर-गरीब नहीं बनता है.

आपको महाराजा जय सिंह प्रभाकर का कोई और किस्सा या कहानी याद हो तो हमें कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं.

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