भिंडी विटामिन ए और फ्लेवोनोइड एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे बीटा-कैरोटीन, ज़ैंथिन और ल्यूटिन का भंडार है। अध्ययन के अनुसार, यह सब्जी ओरल कैंसर से बचाने में मदद करती है। भिंडी के सेवन से पाचन, दृष्टि, त्वचा स्वास्थ्य में सुधार होता है और हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद मिलती है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करती है।
भिन्डी में विटामिन ए विटामिन कैल्शियम आयरन मैग्नीशियम पौष्टिक तत्व बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। भिंडी से निकलने वाला चिकना पदार्थ कई रोगों को ठीक करता है। इससे बहुत ही पौष्टिक सब्जी माना जाता है। भिंडी काफी सस्ती भी होती है और खाने में बहुत ही स्वादिष्ट भी होती है। एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए की चीज चीज के फायदे होते है उसके नुकसान भी होते है। ठीक उसी तरह से भिंडी का सेवन करने से भी शरीर को कुछ नुकसान होते है।
किडनी की पथरी
भिंडी में ऑक्सालेट्स की मात्रा अधिक होती है यही वजह है कि इसके अधिक सेवन से पित्त और गुर्दे की पथरी होने का अधिक खतरा हो सकता है।
सफेद दाग
ऐसा भी माना जाता है कि भिंडी खाने के बाद मूली नहीं खाना चाहिए। क्यूंकि मूली और भिंडी को एक साथ साथ में खाने से शरीर में इन्फेक्शन होने लगता है। जिसकी वजह से शरीर पर त्वचा पर सफेद दाग होने का खतरा होता है।
शुगर लेवल
ज्यादा मात्रा में भिंडी की सब्जी खाने से पित्त की समस्या हो सकती है। मेटफॉर्मिन लेने वाले लोगों के लिए भिंडी का सेवन नहीं करना क्योंकि यह दवा के असर को कम करती है। मेटफोर्मिन शुगर लेवल को मेंटेन रखने का काम करता है और भिंडी का सेवन इसके प्रभावों को कम कर सकता है।
ऐंठन और आंतों में सूजन
भिंडी से निकलने वाले प्रोटियोलिटिक नामक एंजाइम के संपर्क में आने से त्वचा पर घाव हो सकते हैं। बहुत अधिक भिंडी खाने से कुछ लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। भिंडी कार्बोहाइड्रेट में समृद्ध होता है। इसके अधिक सेवन से दस्त, गैस, ऐंठन और आंतों में सूजन जैसी समस्या हो सकती है।
खून के थक्के
भिंडी में विटामिन-के पाया जाता है। यह शरीर में खून को गाढ़ा करने के काम आता है। जो लोग रक्त को गाढ़ा करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं, उन्हें इससे बचना चाहिए। दोनों के एक साथ लेने से शरीर में खून के थक्के बनने शुरू हो जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।
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