जीने की तमन्ना है मेरी जब तक मेरा स्वाभिमान जिवित
मै तब तक जीना चाहुगा हु समाज मे जब तक मान सहित
जब अपनो मे प्रेम सुरक्षित हो आपस मे विश्वास रक्षित हो
है वो जीवन ही स्वर्ग यहा गरीबो मे नाम चाहे अंकित हो
कोई कैसे गलत कर सकता है दुनिया से तो लड़ सकता है
पर जब अन्तर आत्मा कोसेगा उससे कैसे बच सकता है
मै मर मिट जाना चाहुगा जब धर्म पे होगा वार मेरे
पर भगवान से भी लड़ जाऊगा जब देश की होगी बात मेरे
मुझे उस जीवन का क्या करना जो झूठ के साथ मे हो चलना
मै सब कुछ गवा भी चाहुगा सत्य के पक्ष मे ही लड़ना
मै नही सबल मै नही प्रबल मै बहुत कुछ नही कर सकता
पर जो कर सकता हू करूगा जो सत्य जिवित रहे अपना
जीने की तमन्ना है मेरी जब तक मेरा स्वाभिमान जिवित
मै तब तक जीना चाहुगा हु समाज मे जब तक मान सहित
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