फेफड़े शरीर का महत्वपूर्ण अंग होते हैं। सांस लेने के अलावा, हवा को फिल्टर करने का भी काम करते हैं। फेफड़े शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने का काम करते हैं । हमारे शरीर में रक्त के प्रवाह में भी काम करता हैं। अगर हमारा फेफड़ा स्वस्थ नहीं होगा तो हमें अस्थमा, खांसी ,फ्लू, थकान और सांस लेने में तकलीफ होने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। पर प्रदूषण को ही फेफड़ों की अस्वस्था के लिए दोष देना सही नहीं है क्योंकि बहुत सारी अन्य चीजें भी फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। इसके अलावा हमारी कुछ सदारण आदतें भी जिम्मेदार होती है जिसके बारे में अक्सर हमें पता नहीं होता। तो आइए जानते हैं कि कौन सी चीजें फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।
1. सिगरेट का धुंआ
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सिगरेट के धुए में मौजूद निकोटिन फेफड़ों और नुकसान पहुंचाता है। सबसे ज्यादा नुकसान इसी के चलते होता है। यह फेफड़ों में कैंसर भी कर सकता है। सिगरेट पीने के साथ साथ पैसिव स्मोकिंग फेफड़ों के लिए हानिकारक होता है। तभी तो कहा गया की दूसरों के सामने धूम्रपान न करें।
2. ब्लिच
ब्लीच का इस्तेमाल अक्सर त्वचा को साफ करने में किया जाता है। लेकिन ब्लीच से अमोनिया और क्लोरीन जैसी हानिकारक गैस निकलती है, जो कि आपके फेफड़ों के लिए नुकसानदायक होती है। इसलिए ब्लीच का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
3. पेस्टीसाइड
घरों में मच्छर और कीड़ों को मारने के लिए आप पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल करते हैं।पेस्टिसाइड से भी अमोनिया और क्लोरीन जैसी हानिकारक गैस निकलती है। साथी साथ इसमें निकोटिन का भी यूज किया जाता है। इसलिए हमें मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए।
4. पैंट
घर या फर्नीचर को पेंट करते समय आप नया डिबा खोल हैं। रंगो की क्वॉलिटी को बनाए रखने के लिए उनमें केमिकल्स मिलाए जाते हैं। जब हम कोई नया डब्बा खोलते हैं ,तो उसमें से वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड जैसे घातक केमिकल्स निकलता है। इस केमिकल की दुर्गंध आपके शरीर और फेफड़ों के लिए हानिकारक होता ।और इसे डैमेज भी कर सकता है। इसलिए पेंट करते समय मास्क जरूर पहनना चाहिए ,और रंग सूखने से पहले उस जगह नहीं रहना चाहिए।
5. लकड़ी जलावन के इस्तेमाल से
लकड़ी को जलाने पर उससे नाइट्रोजन ऑक्साइड गैस निकलती है ,जोकि फेफड़ों के लिए नुकसानदायक होती है ।इसीलिए लकड़ी के चुले का इस्तेमाल करने वाली हर महिला को सांस लेने में तकलीफ होती है। उसे हमेशा सीने में दर्द जैसी समस्या होती है ।इसलिए हमारे देश के प्रधानमंत्री ने महिलाओं को एलपीजी गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाया है।
इन सभी कारणों के साथ साथ जो लोग बारूद फैक्ट्री में काम करते हैं ।उन्हें भी फेफड़ों संबंधित बीमारी होती है।ईटा भट्टी में काम करने वालों को भी फेफड़ों के बीमारी की समस्या होती हैं। खदानों के मजदूर भी इसका शिकार है। तो हम अपने कुछ साधारण आदतों को बदल कर ,अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं ।तो देर मत कीजिए !
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