ऐ मोहब्बत
तरसता हूँ तेरी ,एक नजर के लिए
ऐ मोहब्बत तू मुझको, मिले ना मिले
तेरे दीदार को है, ये प्यासे नयन
मेरे नैन को, ये सुख मिले ना मिले
तेरे लिए हीं मैं, दुनिया भुलाया
तेरा प्यार मुझको, मिले ना मिले
हर पल ख्यालों में, तुम ही बसे हो
तेरा साथ मुझको, मिले ना मिले
– कंचन पाण्डेय
प्रेम तो था पर
प्रेम तो था पर कभी, बयां न कर सके
ख्वाइशे दिल में रह गई, कभी बता ना सके
चाह के भी चाहत को, तेरे पूरा न कर सके
दिल आज भी तड़पता है, कभी भुला ना सके
हो गए तुम जुदा मुझसे, देख कर मेरी बेरूखी
खामोश है ये दिल, पर बयां न कर सके
भुला दो तुम भले हमको, हम ना भुला पाएंगे
चाहते हैं तुम्हें कितना, कभी बता ना पाएंगे
– कंचन पाण्डेय
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