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Friday, January 31, 2020

पुराने समय में राजा-महाराजा शौच के लिए कहाँ जाते थे ?


भारत जैसे महान देश की सभ्यता प्राचीन काल से ही बहुत ज्यादा विकसित रही है। आपको पुराने महलो में छोटे कमरे मिल जाएंगे जो टॉयलेट होते थे। राजा और रानी या पूरे राज परिवार के लिए महल में ही शौचालय बना होता था। वहां छोटी खिड़कियां भी होती थी और मशाल जलाकर रखने की जगह भी होती थी ताकि उन्हें अंधेरे का अहसास ना हो।वहां पानी की भी उचीत व्यवस्था होती थी ठंडा और गर्म दोनो।

आज से लगभग 5000 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता की खुदाई में भी शौच घर मिले है। खुदाई में मिले टॉयलेट्स में दोनों फ्लश टॉयलेट और नॉन फ्लश टॉयलेट मिले है। नालियों का जाल भी मिला है जो कचरे को बहार करने में काम आता था। आइये कुछ ऐसे ही पुराने टॉयलेट्स की कुछ तस्वीरें देखते हैं -


ये फोटो आमेर महल (जयपुर) की है।



वहां पानी के लिए रहट भी लगा है।



यह बूंदी, राजस्थान के किले का शाही टॉयलेट है। इस टॉयलेट का स्तेमाल सिर्फ राजपरिवार के लोग करते थे। ये एक बहुत ही सुविधा जनक टॉयलेट था।


ये खुदाई में मिला एक ड्राई टॉयलेट है। ये दिखने में पश्चिमी टॉयलेट जैसा है लेकिन ये मिला पूर्व में है वो भी 5000 साल पहले।


ये एक और खुदाई में मिला टॉयलेट है जो इंडियन सत्यले का है।

इन सभी खोजो से ज्ञात होता है कि भारत के लोग प्राचीन काल से स्वछता का ध्यान रखते थे। साफ़-सुथरा जीवन जीते थे।

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