ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਸਾਡੀ ਯਾਰੀ ਹੈ ! ਸਾਨੂੰ ਹਿੰਦੀ ਬਹੁਤ ਪਿਆਰੀ ਹੈ ! ਅਸੀਂ ਹਰ ਭਾਸ਼ਾ ਸਤਿਕਾਰੀ ਹੈ ! ਪੰਜਾਬੀ ਨਾਲ ਸਰਦਾਰੀ ਸਾਡੀ ! ਤਾਂ ਪੰਜਾਬੀ ਨਾਲ ਸਰਦਾਰੀ ਹੈ ! (ਅਰਸ਼ੀ ਜੰਡਿਆਲਾ ਗੁਰੂ )

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Saturday, December 9, 2017

Gazal - Alok Yadav

पढ़ रहा हूं वेदना का व्याकरण मैं
हूं समर में आज भी हर एक क्षण मैं

सभ्यता के नाम पर ओढ़े गए जो
नोंच फेंकू वो मुखौटे, आवरण मैं

रच रहा हूं आज मैं कोई ग़ज़ल फिर 
खोल बांहें कर रहा हूं दुःख ग्रहण मैं

ये निरंतर रतजगे, चिंतन, ये लेखन
कर रहा हूं अपनी ही वय का क्षरण मैं

पीछे-पीछे अनगिनत हिंसक शिकारी
प्राण लेकर भागता सहमा हिरण मैं

शक्ति का हूं पुंज, एटम बम सरीखा
देखने में लग रहा हूं एक कण मैं

है मेरी पहचान, है अस्तित्व मेरा 
कर नहीं सकता किसी का परिक्रमण मैं

ब्रह्म का वरदान हूं, नूरे- ख़ुदा हूं
व्योम का हूं तत्व, धरती का लवण मैं

क्या जटायु से भी हूं 'आलोक' निर्बल
देखता हूं मौन रह सीता हरण मैं।

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