ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਸਾਡੀ ਯਾਰੀ ਹੈ ! ਸਾਨੂੰ ਹਿੰਦੀ ਬਹੁਤ ਪਿਆਰੀ ਹੈ ! ਅਸੀਂ ਹਰ ਭਾਸ਼ਾ ਸਤਿਕਾਰੀ ਹੈ ! ਪੰਜਾਬੀ ਨਾਲ ਸਰਦਾਰੀ ਸਾਡੀ ! ਤਾਂ ਪੰਜਾਬੀ ਨਾਲ ਸਰਦਾਰੀ ਹੈ ! (ਅਰਸ਼ੀ ਜੰਡਿਆਲਾ ਗੁਰੂ )

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Sunday, June 5, 2022

कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं

 


कहाँ पर बोलना है

और कहाँ पर बोल जाते हैं।

जहाँ खामोश रहना है

वहाँ मुँह खोल जाते हैं।


कटा जब शीश सैनिक का

तो हम खामोश रहते हैं।

कटा एक सीन पिक्चर का

तो सारे बोल जाते हैं।


नयी नस्लों के ये बच्चे

जमाने भर की सुनते हैं।

मगर माँ बाप कुछ बोले

तो बच्चे बोल जाते हैं।


बहुत ऊँची दुकानों में

कटाते जेब सब अपनी।

मगर मज़दूर माँगेगा

तो सिक्के बोल जाते हैं।


 


 


अगर मखमल करे गलती

तो कोई कुछ नहीँ कहता।

फटी चादर की गलती हो

तो सारे बोल जाते हैं।


हवाओं की तबाही को

सभी चुपचाप सहते हैं।

च़रागों से हुई गलती

तो सारे बोल जाते हैं।


बनाते फिरते हैं रिश्ते

जमाने भर से अक्सर।

मगर जब घर में हो जरूरत

तो रिश्ते भूल जाते हैं।

 

कहाँ पर बोलना है

और कहाँ पर बोल जाते हैं।

जहाँ खामोश रहना है

वहाँ मुँह खोल जाते हैं।


- हमें यह शायरी सोशल मीडिया से हासिल हुई है। हमें इसके रचयिता का नाम पता नहीं है। अगर आपको इस बारे में जानकारी है तो हमें सूचित करें, हमें नाम सार्वजनिक करने में प्रसन्नता होगी

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