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Tuesday, June 23, 2020

900 साल पुराना भारत का ये कुआं

पुराने जमाने में राजा महाराजा अपने राज्य में जगह-जगह कुआं खुदवाते थे। ताकि पानी की कमी ना हो और भारत में कई सारे ऐसे हजारों हुए हैं जो सैकड़ों साल पुराने हैं तो कुछ ऐसे हैं जो हजारों साल पुराने हैं। एक ऐसे ही हुए के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं जिससे रानी की बावड़ी भी कहा जाता है दरअसल बावड़ी का मतलब सीढ़ीदार कुंआ होता है। रानी की बावड़ी 900 साल से भी ज्यादा पुरानी है। साल 2014 में यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल में घोषित किया था।
गुजरात में स्थित इस प्रसिद्ध बावड़ी को रानी का भाव बिका जाता है। कहते हैं कि रानी का बावड़ी का निर्माण1063 इसी में सोलंकी राजवंश के राजा भीमदेव प्रथम की स्मृति में उनकी पत्नी रानी ने करवाया था। रानी उदय मती जूनागढ़ के चूड़ासामा शासक खेंगार की पुत्री थी।

यह रानी की बावड़ी 64 मीटर लंबा 20 मीटर चौड़ा और 27 मीटर गहरा है। भारत में अपनी तरह का यह अनोखा बाग है इनकी दीवारों स्तंभों पर कई सारी कलाकृतियां हैं मूर्तियां हैं। जो काफी शानदार दिखाई देती हैं इनमें से अधिकांश नाकांशी भगवान राम की बनी हुई है।

सात मंजिला यह बावरी बेहद सुंदर है। यह करीब 7 शताब्दी तक सरस्वती नदी के लापता होने के बाद गंदगी में दबी हुई थी इसे भारतीय पुरातत्व विभाग ने फिर से खोजा और सब सफाई करवाई जिसके बाद अब यहां लोग घूमने भी आते हैं।

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