*चलता रहूँगा पथ पर,*
*चलने में माहिर बन जाऊंगा !!*
*या तो मंजिल मिल जाएगी,*
*या*
*अच्छा मुसाफ़िर बन जाऊंगा !!*
*सिर्फ संतोष ढूँढिये,आवश्यकताऎ तो कभी समाप्त नही होंगी...”॥*
🍃 *गलत सोच और गलत अंदाजा
*इंसान को हर रिश्ते से*
*गुमराह कर देता है।* 🍃
GOOD MORNING
सुप्रभात
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